
खुद की खुशियों के लिए
थोड़ा रुकसा गया हूं ।।
मां के ज्यादा प्यार से
थोड़ा भीगड़ भी गया हूं ।।
बचपन का बचपना भी
कुछसा आज भी जिंदा है ।।
मैं आज भी खुशियों के लिए
कही बार मैं रुक भी गया हूं ।।
बड़ा होकर भी मैं
आज मैं कही खो सा गया हूं ।।
कही बार परेशानी या
परेशान भी करती है ।।
मुश्किलों के आगे
कही बार चल भी चुका हूं ।।रोया था कभी बचपन में
मां के आंचल में शांत भी हुआ हूं ।।
आज रोना भी है रोता भी हूं
क्योंकि आज जिम्मेदारी का बोझ संभाल नहीं पाता हूं।।अपनी गलती के वजह से
कही बार शर्मिंदा भी हुआ हूं ।।
बचपन का मां का प्यारासा प्यार
आज भी भूल नहीं पाता ।।
आज हमे सब कहते हैं
अभी बड़े भी हो गए हो ।।समय समय पर बीतता चला गया
आज भी दिल के करीब बचपन दे कर गया है ।।
















Yes childhood memories are beautiful ! Well shared thanks 💕👌❤
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Most welcome ! Really childhood days were very good and childhood memories are also very beautiful whenever we remember. 😊🤩🤩🤩🤗😍
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Yes absolutely 💕👌
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Yeah ! Thank You So much for your comments 🤩🤩😊🤗🤗
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Nice poetry regard child hood days and pics 🌹
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Thank You So much… 🤩🤩🤩😄😃😀
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My pleasure
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